WhatsApp Privacy Policy: डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कितनी तैयार सरकार? कब तक आएगा बिल? केंद्र ने SC को दिया अपडेट
WhatsApp Privacy Policy: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसका डाटा प्रोटेक्शन बिल तैयार है और इसे संसद के मॉनसून सत्र में सदन में पेश किया जाएगा.
WhatsApp Privacy Policy पर सुनवाई. (Representative Image: freepik)
WhatsApp Privacy Policy पर सुनवाई. (Representative Image: freepik)
WhatsApp Privacy Policy: वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी 2021 को चुनौती देने के मामले में आज मंगलवार को अपडेट आया है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसपर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज मामले की सुनवाई टल गई. हालांकि, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसका डाटा प्रोटेक्शन बिल तैयार है और इसे संसद के मॉनसून सत्र में सदन में पेश किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने क्या अपडेट दिया?
केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि नया डाटा संरक्षण विधेयक तैयार है और संसद के मानसून सत्र के दौरान इसे पेश किया जाएगा. केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि इसके परामर्श की एक लंबी प्रक्रिया है, इसमें समय लगता है, हम एक अच्छा कानून चाहते हैं. अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ को बताया कि विधेयक तैयार है. पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि मामले को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए ताकि एक नई पीठ का गठन किया जा सके क्योंकि न्यायमूर्ति जोसेफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इसके बाद मामले को अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया.
याचिकाकर्ता की ओर से की गई अपील
वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ याचिका डालने वाले याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मामले में केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि वो शीतकालीन सत्र में बिल लाएगी लेकिन नहीं लाई. अब सरकार कह रही है कि मॉनसून सेशन में बिल लाएगी. वकील ने अपील की कोर्ट को मामले में सुनवाई करनी चहिए. न्यायिक प्रक्रिया को विधायी प्रक्रिया से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि न्यायालय को अदालत की सुनवाई को विधायी प्रक्रिया से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया जटिल है और इसे (विधेयक को) फिर से कुछ समितियों को भेजा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सऐप को दिया था आदेश
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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सऐप को 2021 में सरकार को दिए गए अपनी अंडरटेकिंग का मीडिया में प्रचार करने के लिए पांच समाचार पत्रों में विज्ञापन देने का निर्देश दिया था. कोर् ने कंपनी से कहा था कि वो मीडिया में व्यापक प्रचार करे कि लोग उसकी 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को मानने के लिए फिलहाल बाध्य नहीं हैं. शीर्ष अदालत दो छात्रों कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में व्हाट्सएप और फेसबुक के बीच उसके यूजर्स के फोन कॉल, संदेश, तस्वीर, वीडियो और दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने के लिए किए गए कॉन्ट्रैक्ट को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह उनकी गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
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02:57 PM IST